जब से Shubman Gill ने टेस्ट टीम की कप्तानी संभाली है, तब से उनकी फॉर्म और नेतृत्व दोनों की चर्चा तेज़ हो गई है। इंग्लैंड के खिलाफ चल रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में Gill ने रनों का अंबार लगा दिया है – हेडिंग्ले में 147 और एजबेस्टन में धमाकेदार 269 रन! लगता है कप्तानी उनको रास आ गई है, पर क्या ये हमेशा पॉजिटिव रहेगा? इसी सवाल पर Cricket के बड़े दिग्गज, रवि शास्त्री, नासिर हुसैन और Kumar Sangakkara ने अपनी राय रखी है।
Gill ने बल्लेबाजी में कमाल किया है, पर पहले टेस्ट में 371 रन का पीछा करने के बाद उनकी कप्तानी पर भी सवाल उठे थे। अब जब Gill को कैप्टन बना ही दिया गया है, तो हुसैन का कहना है कि सब्र रखना पड़ेगा। लेकिन उन्हें चेताया भी कि कप्तानी का बल्लेबाजी पर “नकारात्मक प्रभाव” भी पड़ सकता है। उन्हें ये भी बताया कि रोहित और विराट जैसे बड़े खिलाड़ियों के बिना, Gill पर अतिरिक्त दबाव आ सकता है, खास इंग्लैंड जैसे कठिन दौरे पर, जहां उनका पहले रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं रह रहा है।
क्या Shubman Gill में है कप्तानी का ‘Cricket आईक्यू’?
गुजरात टाइटंस के आईपीएल में कप्तान बनने के बाद Kumar Sangakkara ने Gill को करीब से देखा है। संगकारा का मानना है कि Gill में ‘क्रिकेटिंग आईक्यू’ भरपूर है और वो समय के साथ कप्तानी में और बेहतर होते जाएंगे। उनका कहना है कि Gill के पास इमोशनल इंटेलिजेंस भी है, जिसकी वो टीम और कोच साथ लेकर चल सकते हैं, और उनका आईपीएल में गुजरात टाइटंस को मुश्किल वक्त से निकलना है।
बदला फॉर्च्यून Shubman Gill का : सेना देशों में सदियों की बरसात!
ये बात काफी खराब है कि इंग्लैंड सीरीज से पहले Gill ने सेना (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) देशों में एक भी सदी नहीं बनाई थी। लेकिन अब इस सीरीज के दो मैचों में ही उन्हें दो शानदार शतक ठोक दिए हैं, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है। उनकी 269 रनों की पारी इंग्लैंड में किसी भी भारतीय बल्लेबाज का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है! ये दिखता है कि कप्तानी उनके लिए अभी तक तो सकारात्मक ही रही है।