सोचो, team का मुख्य striker मैच से बाहर है। एक नया-नया खिलाड़ी जिसकी team सिर्फ 6 दिन हुए हैं, उसे शुरू करना पड़ेगा। आगे क्या होता है?
वो आते ही एक नहीं, दो-दो goal दाग देता है! और लक्ष्य भी ऐसे की दुनिया देखती रह जाये!
यही कहानी है Chelsea के club World Cup final में एंट्री की, और उनके नए हीरो, Joao Pedro की, जिसने अकेले दम पर मैच पलट दिया।
नए हीरो का कमाल: कौन है ये Joao Pedro?
Chelsea के प्रशंसकों के लिए ये नाम अभी नया हो सकता है, लेकिन Joao Pedro ने आते ही सबके दिलों पर राज कर लिया है। brighton से स्टैमफोर्ड ब्रिज तक का सफर 6 दिन पहले पूरा करने वाले 23 साल के खिलाड़ी को अपना पहला शुरू इसलिए मिला क्योंकि team के नियमित स्ट्राइकर लियाम डेलाप सस्पेंड हो गए थे। लेकिन इसे कहते हैं ‘भेष में आशीर्वाद’। Pedro ने इस मौके को डोनो हाथों से लपका और दो ऐसे शानदार goal मारे कि Fluminance की team देखती रह गई। इन्ही दो goal की मदद से Chelsea अब रविवार को रियल मैड्रिड या पीएसजी के खिलाफ club World कप का final खेलेगी। इस जीत से Chelsea को £25 million की पुरस्कार राशि भी मिली, जिसके बाद Pedro की ट्रांसफर फीस अब बहुत मामुली लग रही है।
गेम का टर्निंग प्वाइंट: कैसे पामर और Pedro ने पलट दी बाजी
मैच के शुरू में Chelsea के लिए सब कुछ आसान नहीं था। Fluminance की team अपने डीप डिफेंस के लिए जानी जाती है, और उनका प्लान साफ था: Chelsea को पजेशन दो, उनके विंगर्स को रन दो, लेकिन उनके मुख्य स्ट्राइकर को 3 सेंटर-बैक के बीच फंसा कर रखो। ऐसा लग रहा था कि खेल गरमी और नमी में धीमा पड़ जाएगा और Chelsea के रचनात्मक खिलाड़ी संघर्ष करेंगे।
लेकिन फिर आया मैच का 18वें मिनट! Joao Pedro ने बॉक्स के बाहर से एक ऐसा रॉकेट-जैसा शॉट मारी कि बॉल सीधा नेट में जा घुसी। क्या ‘विश्वव्यापी’ goal ने Fluminance को अपने डिफेंसिव शेल से बाहर आने पर मजबूर कर दिया, और जैसे ही वो आगे आए, Chelsea को और स्पेस मिल गया। इसमें कोल पामर का रोल भी बहुत महत्वपूर्ण था। पामर, जो Chelsea के सबसे क्रिएटिव पासर माने जाते हैं, goal के पास से हटकर मिडफील्ड में कैसिडो के साथ खेलने लगे ताकी अटैक को और सपोर्ट मिल सके। ये एक परफेक्ट प्लान बी था जिसने Fluminance को पूरी तरह से बैकफुट पर डाल दिया।
सिर्फ एक मैच नहीं, एक परफेक्ट फिट: Chelsea के अटैक को मिली नई धार
अगर डेलप सस्पेंड ना हुए होते, तो शायद हम Joao Pedro का ये ‘मैन ऑफ द मैच’ का प्रदर्शन देख ही नहीं पाते। उन्हें लगभाग एक घंटा खेला और इस दौरन दो ज़बरदस्त goal किये। पहला goal बॉक्स के बाहर से एक शक्तिशाली स्ट्राइक था, और दूसरा तो और भी लाजवाब था। लेफ्ट से अंदर आते हुए उन्हें defenders को इग्नोर किया और बॉल को सीधा नेट की छत में मार दिया। इसे कहते हैं आत्मविश्वास!
सबसे खास बात ये थी कि वो अपने पुराने club (Fluminance) के खिलाफ goal का जश्न नहीं मना रहे थे, जो उनका सम्मान दिखाता है। लेकिन ग्राउंड पर उनका मूवमेंट ऐसा था जैसा वो सालों से इस team के साथ खेल रहे हैं, सिर्फ 4 ट्रेनिंग सेशन से। Joao Pedro के आने से मैनेजर एंज़ो मार्सेका के पास अब हमले में बहुत सारे विकल्प हो गए हैं। पामर, निकोलस जैक्सन, और अब Joao Pedro… सबकी बहुमुखी प्रतिभा में Chelsea के आक्रमण को अप्रत्याशित बनाता है। ऐसा लगता है कि Joao Pedro वही ‘मिसिंग लिंक’ थी जिसकी Chelsea को कब से तलाश थी।
हार कर भी जीत गए: Fluminance और ब्राजील का शानदार सफर
बेशक Fluminance ये मैच हार गई, लेकिन उनका सफर इस टूर्नामेंट में शानदार रहा। वो इस साल club World कप में सबसे आगे तक जाने वाली ब्राजीलियाई club बानी। क्या टूर्नामेंट ने साबित कर दिया कि ब्राजील का club फुटबॉल कितना मजबूत है। उनकी चारों टीमें नॉकआउट चरण तक पहुंच गईं।
थियागो सिल्वा: ताजुरबे और उमर का खेल
इसी मैच में Fluminance के कप्तान और दिग्गज डिफेंडर, 41 साल के थियागो सिल्वा, का अनुभव और उनकी उमर, दोनों का असर दिखा। एक तरफ वह Chelsea के युवा फॉरवर्ड की गति के आगे थोड़ा संघर्ष करते नजर आए, तो दूसरी तरफ अपने अनुभव का कमाल दिखाया। दूसरे हाफ में उनका goal-लाइन पर किया गया एक क्लीयरेंस, उनकी क्लास का सबूत था। भले ही उनकी team हार गई, लेकिन थियागो सिल्वा ने साबित कर दिया कि ‘क्लास स्थायी है’।