आपके Voter ID पर Bihar में इतना बड़ा हंगामा क्यों? जानिए चुनाव आयोग के एक फैसले ने पूरे राज्य में ‘चक्का जाम’ करवा दिया।
Rahul Gandhi और Tejashwi Yadav एक साथ, एक मंच पर! ये सिर्फ एक विरोध है या Bihar के आने वाले चुनाव का ट्रेलर?
क्या सच है लाखों लोगों का नाम Voter लिस्ट से कटने वाला है? विपक्ष के विरोध और सरकार की सफाई, समझें पूरा मुद्दा यहां।
क्यों हुआ Bihar में चक्का जाम?
हाल ही में Bihar की सड़कें गर्मी से तप रही हैं। वजह थी इंडिया ब्लॉक, जिसमें कांग्रेस, राजद और वामपंथी दल शामिल हैं, का ‘चक्का जाम’ विरोध। क्या विरोध की आग पूरे Bihar में फैली, जिसका नेतृत्व कांग्रेस नेता Rahul Gandhi और राजद के Tejashwi Yadav ने Patna में किया। लेकिन ये सब हुआ क्यों? इसके पीछे है चुनाव आयोग (ईसी) का ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (एसआईआर) अभियान, जिसका मकसद Bihar विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करना है।
विपक्ष का आरोप: ये साजिश है!
विपक्ष का सीधा विरोध है कि ये मतदाता सूची पुनरीक्षण एक सोची-समझी साजिश है। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के तहत BJP सरकार लाखों गरीबों, दलितों और प्रवासी मजदूरों को वोट देने के अधिकार से वंचित करना चाहती है।
गरीब वोटर्स निशाने पर?
Tejashwi Yadav का कहना है कि वेरिफिकेशन के लिए जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, वो अक्सर गरीब तबके के पास नहीं होते। इसकी आड़ में उनका नाम लिस्ट से काट दिया जाएगा। Rahul Gandhi ने इसे “महाराष्ट्र मॉडल” का नाम देते हुए कहा कि BJP ठीक वैसा ही खेलती है, Bihar में खेलना चाहती है जैसा उन्हें महाराष्ट्र में खेलना था।
सड़क पर सियासत: विरोध का पावर शो
क्या विरोध को जताने के लिए महागठबंधन ने Patna में इनकम टैक्स गोलंबर से चुनाव आयोग कार्यालय तक एक करेगा मार्च निकाला। एक ट्रक पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और लेफ्ट करेगा डी. राजा और दीपांकर भट्टाचार्य एक साथ दिखें। हज़ारों कार्यकर्ताओं ने सदकेन कर दिया और सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की। क्या ‘Bondh’ का असर Bihar के दूसरे शहरों में भी देखा गया, जहां रेल और सड़क यातायात को रोका गया।
सरकार का पलटवार: हम सिर्फ कानून मान रहे हैं
दूसरी तरफ, BJP ने विरोध को “गुंडागर्दी” कहा है। उनका तर्क है कि वोटर लिस्ट को साफ करना जरूरी है ताकि कोई भी गैर-कानूनी वोटर (जैसे घुसपैठिये) वोट न डाल सके। केंद्रीय मंत्रियों का कहना है कि विरोध सिर्फ अफ़वाह फैला रहा है क्योंकि उनके पास कोई असली मुद्दा नहीं है।
मामला सुप्रीम कोर्ट में
ये सियासी लड़ाई अब सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। राजद सांसद Manoj Jha और दूसरे ने EC के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ईसी के तारिके पर कुछ टिपणियां दी हैं। अब सबकी निगाहें कोर्ट करेगा ले पर टिकी हैं। ये साफ है कि ये मुद्दा आने वाले Bihar विधानसभा चुनाव में एक बड़ा रोल प्ले करेगा।