क्या आप भी साइड-हस्टल का प्लान बना रहे हैं? ज़रा रुकिए! Soham Parekh की कहानी सुनिए, जो 3-4 स्टार्टअप्स में एक साथ काम करके वायरल हुए, और अब उनका करियर दानव पर है।
क्या मैंने अपना करियर बर्बाद कर लिया? ये सवाल है Soham Parekh का, जिसे इंटरनेट पर ‘moonlighting’ के लिए सार्वजनिक रूप से बुलाया गया। जानिए क्या है पूरा मामला और कैसे Soham ने अब छुपी तोड़ी है!
चांदनी का मामला: Soham Parekh ने तोड़ी छुपी!
हाल ही में Soham Parekh सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे, जब प्लेग्राउंड एआई के संस्थापक सुहैल दोषी ने उनको सार्वजनिक रूप से एक्सपोज किया था। Soham पर इल्ज़ाम था कि वो एक ही समय में 3-4 अलग-अलग स्टार्टअप्स में काम कर रहे थे। अब यह शुद्ध हंगामे के बाद है, Soham Parekh ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और दोषी से सीधा पूछा है कि क्या अन्होन ने अपने करियर में “तोड़फोड़” कर ली है। वो ये भी जानना चाहते हैं कि वो कैसे “कम क्लीन” हो सकते हैं और अपनी गलती सुधार सकते हैं।
एक नई शुरुआत या फिर से वही कहानी?
Soham का कहना है कि टेक इंडस्ट्री में काई जगह से रिजेक्ट होने के बाद, अनहोन आखिरकार एक नए स्टार्टअप में Founding Engineer के रूप में शामिल हो गया है। वो ज़ोर दे रहे हैं कि ये उनकी one-job-only डील है और एक ‘क्लीन स्लेट’ की तरह है। उन्हें ये भी बताया कि इस पूरे मामले के बाद वो काफी अकेले महसूस कर रहे थे और उन्हें इंडस्ट्री से अलग कर दिया गया था, लेकिन उन्हें ” building ” (कुछ नया बनाने) से आज भी उतना ही प्यार है।
कैसे हुआ था ये पूरा ब्लास्ट?
विवाद तब शुरू हुआ जब Suhail Doshi ने एक्स (पहले ट्विटर) पर Soham Parekh का सीवी शेयर करते हुए एक “पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट” जारी किया। दोषी ने लिखा कि Soham को पहले ही हफ्ते में आग लगा दी थी, क्योंकि उसने झूठ बोला और घोटाला किया। दोशी के मुताबिक, Soham के सीवी पर 90% लिंक फर्जी हैं। इसके बाद, काई और लोगों ने भी ऐसी ही कहानियां साझा कीं, जहां Soham ने कई नौकरियां कीं, वीजा स्टेटस के बारे में झूठ बोला और व्यक्तिगत उपस्थिति से बचने के लिए बहाने बनाए।
Soham का बैकग्राउंड और कैसे मिली नौकरियाँ?
आर्टिकल में ये भी बताया गया है कि Soham को ये नौकरियां कैसे मिलीं। उनके पास Georgia Institute of Technology से Computer Science में MS और University of Mumbai से BE की डिग्री है। उनके बायोडाटा में पांच अलग-अलग कंपनियों में रिमोट रोल का जिक्र है। खास बात ये थी कि वो अपने ईमेल की शुरुआत करते हैं “टीएल;डीआर: मुझे इसके बारे में सब कुछ पसंद है…” से करते थे, जो उनके रिज्यूमे पर ध्यान देता था।
चांदनी की वैधता क्या कहती है?
लेख में संक्षेप में यह भी बताया गया है कि भारत और अमेरिका में मूनलाइटिंग की वैधता फर्म के प्रस्ताव पत्र या अनुबंध पर निर्भर करती है। निजी कंपनियों में अक्सर ये अनुमति नहीं होती अगर अनुबंध में विशेष रूप से मन किया गया हो।
Soham Parekh की ये कहानी एक बड़ी चर्चा बन गई है कि क्या चांदनी सही है या गलत, और इसके करियर पर क्या असर हो सकता है।